सेलुलर ट्रांसमिशन क्या हैं?
सेल्युलर नेटवर्क एक रेडिओ नेटवर्क है जो land areas पर डिस्ट्रीब्यूट होता है जिसे cells के नाम से जाना जाता है | प्रत्येक cell, fixed location ट्रांस्सीवर पर serve किया जाता है जिसे एक cell site या बेस स्टेशन के नाम से जाना जाता है |जब ये cell आपस में एक दुसरे के साथ जुड़ते है तो ये एक wide geographic areas के ऊपर रेडिओ कवरेज को उपलब्ध कराते है ये बढ़ी संख्या में ट्रांससीवर्स(transceiver ) जैसे-mobile phones, pagers इत्यादि को एक दुसरे के साथ कम्युनिकेट करने के लिए सक्षम बनाते है तथा नेटवर्क में बेस स्टेशन के द्धारा कही भी फिक्स्ड transceiver और telephones के माध्यम से कम्युनिकेट करने के लिए सक्षम बनाते है |
(सेल्युलर ट्रांसमिशन को सेल्युलर रेडिओ के नाम से जाना जाता है इसमें ट्रांसमिशन के लिए low power base स्टेशन की बढ़ी संख्या का प्रयोग करके नेटवर्क को बनाया जाता है प्रत्येक स्टेशन एक सीमित कवरेज एरिया को रखता है एक एरिया कई छोटे-छोटे एरिया में विभाजित होते है जो सेल के नाम से जाना जाता है इनमे से प्रत्येक छोटे एरिया को इसके अपने low power radio रेडिओ बेस स्टेशन के द्धारा serveकिया जाता है)
सेल्युलर रेडिओ में ट्रांसमिशन के लिए प्रत्येक एरिया अपने low power रेडिओ बेस स्टेशन को रखता है | इन रेडिओ स्टेशंस को frequency channels को इस तरीके से एलोकेट किया जाता है की एक सेल में प्रयोग किये channels ( frequencies) को कुछ दुरी पर दुसरे cell को पुन: प्रयोग किया जा सकता है |
सेलुलर रेडियो का प्रमुख principal, एक coverage area के अंतर्गत एक पावरफुल ट्रांसमीटर का प्रयोग करने के बजाय बहुत सारे low power transmitter का प्रयोग करना होता है | जैसे एक region में एक high power transmitter, 12 channels को रखता है लेकिन यदि हम इस region को one hundred cell में विभाजित कर दे तो low power transmitters को रखते है और ये 12 channels प्रयोग करते है | तो प्रत्येक के लिए सिस्टम की capacity 12 से 1200 channels हो जायेगी |
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