Wednesday, March 28, 2018

Distributed System (डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम) क्या हैं?

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Distributed System :- 
“जब अनेक Autonomous (स्वतंत्र) कंप्यूटर को जोड़कर एक सिंगल सिस्टम की तरह प्रयोग किया जाता हैं उसे डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम कहते हैं जरुरी नहीं की सारे कंप्यूटर एक ही जगह पर कनेक्ट हो वह अलग अलग जगह पर भी कनेक्ट हो सकते हैं यदि सभी कंप्यूटर एक ही जगह पर कनेक्ट हैं तो इसे LAN Distributed System कहेगें और यदि सभी कंप्यूटर अलग अलग जगह पर कनेक्ट हैं तो इसे WAN Distributed System कहा जायेगा|”
Distributed System  के लिए तीन चीजो की आवश्यकता होती हैं –
  1. Network
  2. Distributed Application
  3. Middle ware Service (Software)
डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम Autonomous कम्प्यूटर के कलेक्शन से मिलकर बना है। यह सिस्टम एक नेटवर्क तथा Distribution Middle ware के माध्यम से जुड़ा होता है। जो कम्प्यूटरों को इनकी गतिविधियों के साथ कोआॅर्डिनेट करने के लिऐ सक्षम करता है। तथा सिस्टम के संसाधनों को Share करता है। ताकि User System को एक Single Integrating कम्प्यूटिंग सुविधा के रूप में प्राप्त करें।
एक डिस्ट्रिब्यूटेड कम्प्यूटर सिस्टम बहुत से Software components से मिलकर बना होता हैं । जो मल्टीपल कम्प्यूटर पर होते है, लेकिन एक Single System के रूप में रन होते है। जो कम्प्यूटर्स एक डिस्ट्रिब्यूटेड  सिस्टम में होते है, वो आपस में एक दूसरें से Physically Close हो सकते है, तथा एक Local Network के द्वारा Connect होते है। या फिर ये Wide area Network के द्वारा Connect होते है। एक डिस्ट्रिब्यूटेड  सिस्टम मेनफ्रेम, पर्सनल कम्प्यूटर्स वर्कस्टेशन्स इत्यादि के रूप में कई तरह के Configuration से मिलकर बने हो सकते है। Distributed Computing का लक्ष्य एक Single Computer के रूप में कार्य करने वाले Network को बनाना है।
Distributed System, Client Server Architecture प्रणाली पर आधारित होता हैं –
डिस्ट्रिब्यूटेड  सिस्टम पर सॉफ्टवेयर को रन करने का एक Comman तरीका फंक्शन्स को Clients and Servers को दो भागों में अलग-अलग करना है। एक क्लाइंट एक प्रोग्राम है जो उन सर्विस को प्रयोग करता है। जिन्हें दूसरे प्रोगामों के द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। जो प्रोंग्राम्स सर्विस को उपलब्ध कराते है। उन्हें Servers कहते है। Client एक सर्विस के लिए रिक्वेस्ट एक सर्विस के लिए रिक्वेस्ट करता है तथा सर्वर इस रिक्वेस्ट को परॅफाॅर्म करता है।
Clients and Server System का Comman Design three tiers का प्रयोग करता है-
1. एक क्लांइट जो यूजर के साथ Interact करता है।
2. एक एप्लीकेशन सर्वर जो एप्लीकेशन के बिजनेस लाॅजिक को रखता है।
3. रिसोर्स मैनेजर जो डाटा को स्टोंर करता है।
निम्नलिखित चित्र में Three-tier Client and Server आर्किटेक्चर को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया गया है-
एक डिस्ट्रिब्यूटेड  सिस्टम स्वतन्त्र कम्प्यूटर्स का एक कलेक्शन है जो एक Single टास्क के लिए सम्मिलित रूप में प्रयोग किया जाता है। या एक Single Service को उपलब्ध कराता है।

Distributed System के लाभ तथा हानियाँ

Distributed System के लाभ –
1. कीमत (Cost ) –कम्प्यूटर्स Component के लिये प्रयोग किये हार्डवेयर की Performance के आधार पर कम कीमत होती है।
2.परफाॅरमेन्स (Performance) –Combined Processing तथा बहुत सारी Nodes की स्टोर क्षमता के प्रयोग के द्वारा परफाॅरमेन्स लेयर अच्छा होता है। अर्थात प्रोसेस का कलेक्शन Centralized कम्प्यूटर्स की अपेक्षा अच्छी Performance देता है।
3.भरोसेमन्द (Reliability) –हार्डवेयर के Fault पर Users इसे परिवर्तित कर सकते है। अर्थात यदि कुछ मशीने Crash हो जाती है, तो System Survive कर सकता है।
4.डिस्ट्रिब्यूशन (Distribution) –कुछ Application जैसे E-Mail तथा Web के रूप में प्राकृतिक रूप से डिस्ट्रिब्यूट कियें जाते है।
5.डाटा/रिसोर्सेस की शेयरिंग –
बहुत सारे Application में डाटा को तैयार करना आवश्यक है। जैसे बैकिंग एरिर्जवेशन सिस्टम आदि ।
Distributed System की हानियाॅ-
1. साफ्टवेयर जटिलता (Software Complexity) –
पारम्परिक Software की तुलना में डिस्ट्रिब्यूटेड Software को Develop करना जटिल तथा उलझनपूर्ण होता हैं अतः इसे Develop करना अधिक खर्चीला होता है। तथा इसमें गलंतियों के बहुत सारे Chance होते हें ।
2. नेटवर्क समस्याये (Network Problems) –
Network Infrastructure के द्वारा कई समस्याये उत्पन्न होती है जिसकी वजह से Message की हानि, Overloading इत्यादि होती है।
3. सुरक्षा -Distribute System कई घटकों से मिलकर बना होता है। इन घटकों के मध्य डाटा की शेेयरिंग डाटा सुरक्षा की समस्या को जनरेट करता है।
4. Design Issue of Distributed System – 
इसके प्रमुख Design Issue निम्नलिखित  है, जो विशेष तौर पर Application के Distributed Nature से उत्पन्न होते है-
1. Transparency
2. Communication
3. Performance and Scalability
4. Hetrogeneity
5. Openness
6. Reliability and Fault Tolerance
7. Security
1. Transparency- इसके अंतर्गत निम्नलिखित बिन्दुओं पर विचार किया जाता है-
(a) लोकल  तथा रिमोट संसाधनों को Identical Operations  के प्रयोग के द्वारा एक्सेस किया जाता है।
(b) यूजर्स नहीं बता सकते हैं कि हार्डवेयर तथा साॅफ्टवेयर संसाधनों को कहां पर लोकेट किया गया ये संसाधन CPU Files Database इत्यादि होते है। संसाधन के नाम को संसाधन की लोकेशन को encode नहीं करना चाहिए। (c) संसाधनों को इनके नाम में बदलाव किये बिना एक लोकेशन से दूसरें लोकेशन पर मूव करने से स्वतंत्र होना चाहिए।
2. Communication- डिस्ट्रिब्यूटेड  सिस्टम के घटको केा Interact करने के क्रम में कम्यूनिकेट करना चाहिए। ये दो समअमसे पर सपोर्ट को इंगित करते है।
(a) नेटवर्किंग इनफ्रास्ट्कचर।
(b) उपयुक्त कम्यूनिकेशन Primitives and Modems और उसकेे इम्प्लीमेन्टेशन।
3.Performance and Scalability परफाॅरमेन्स तथा स्केलेबिलिटीज- एक डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम परॅफारमेन्स को निम्नलिखित प्रमुख थ्ंबजवते प्रभावित करते है-
(a) व्यक्तिगत वर्कस्टेंशनों की परफाॅरमेन्स ।
(b) कम्यूनिकेशन Infrastructure की स्पीड ।
4. Hetrogeneity-डिस्ट्रिब्यूटेड एप्लीकेशन्स सामान्यतः निम्नलिखित बिन्दुओ पर heterogeneous होते हैं-
(a) भिन्न-भिन्न  हार्डवेयर- Mainframe, Workstations, PCS, Servers etc.
(b) भिन्न-भिन्न साॅफ्वेयर – Unix, MS Windows IBM OS/2,Real ime OS etc.
5.Openness-डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्ट्म्स का एक महत्वपूर्ण फीचर Openness and Flexibility है। इसके अंतर्गत निम्नलिखित बिन्दुओं पर विचार किया जाता है-
(a) प्रत्येक सर्विस को प्रत्येक क्लाइंट के द्वारा समान रूप से एक्सेस करना चाहिए।
(b)इससे नई सेवाओं को Install and Debug और इम्प्लीमेन्ट करना आसान है।
6. Reliabillity and Fault Tolerance-डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम को बनाने का मुख्य लाभ विश्वसनीयता का सुधार करना है।
Reliabillity- यदि मशीनेें खराब हो जाती हें तो सिस्टम को परिवर्तित किए गये संसाधनों की संख्या के साथ कार्य करना चाहिए। सिस्टम पर डाटा खोना नहीं चाहिए तथा काॅपियों को विभिन्न सर्वरों पर सही रूप से Store करना चाहिऐं।
7. Security- इनफाॅरमेशन संसाधनों की Security के अन्तर्गत निम्नलिखित बिन्दु आते है-
(a) Unauthorised व्यक्ति की एक्सेस को रोकना।
(b) बदलाव तथा भ्रष्टाचार के विरूद्ध प्रोटेक्शन।

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The termination of the process due to a program or system fault      -      Abend(abnormal ending) To terminate a process before completion....